Kumar Vishwas
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Koi Deewana Kehta Hai
5 editions
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published
2015
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Phir Meri Yaad / फिर मेरी याद
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Ek Pagli Ladki Ke Bin
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हो गई है पीर पर्वत सी
by |
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“सातवें आसमान पर, चल ना!
चल! सितारों के जाल पर, चल ना! दिल बिना देवता की कासी है
जिस में हर घाट पर उदासी है
कुछ है चटका हुआ सा मुझ में भी
तू भी कितने जनम से प्यासी है
मेरे अश्कों के ताल पर चल ना
सातवें आसमान पर, चल ना! बंदिशों वाले गाँव में पल कर
यूँ रिवायत की आग में जल कर
तू ने अनगिन सितम उठाये हैं
रस्मे दुनिया की राह पर चल कर
छोड़ अब दिल की चाल पर चल ना
सातवें आसमान पर, चल ना!”
― Phir Meri Yaad
चल! सितारों के जाल पर, चल ना! दिल बिना देवता की कासी है
जिस में हर घाट पर उदासी है
कुछ है चटका हुआ सा मुझ में भी
तू भी कितने जनम से प्यासी है
मेरे अश्कों के ताल पर चल ना
सातवें आसमान पर, चल ना! बंदिशों वाले गाँव में पल कर
यूँ रिवायत की आग में जल कर
तू ने अनगिन सितम उठाये हैं
रस्मे दुनिया की राह पर चल कर
छोड़ अब दिल की चाल पर चल ना
सातवें आसमान पर, चल ना!”
― Phir Meri Yaad
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