Sandeep Atre
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“क्यों बेमतलब किसी से
बाद में कोई गिला रखना
ये बेहतर है कि पहले से ही
थोड़ा फ़ासला रखना... !!”
― Baat Jazbaat Ki
बाद में कोई गिला रखना
ये बेहतर है कि पहले से ही
थोड़ा फ़ासला रखना... !!”
― Baat Jazbaat Ki
“कितना कमज़ोर है अपना यक़ीन अपने पर
ज़रा सवाल उठे और दरकने लगता है
अपना खुद से भी है रिश्ता भला बेशर्त कहाँ
जो बदले रोशनी साया सरकने लगता है... !!”
― Baat Jazbaat Ki
ज़रा सवाल उठे और दरकने लगता है
अपना खुद से भी है रिश्ता भला बेशर्त कहाँ
जो बदले रोशनी साया सरकने लगता है... !!”
― Baat Jazbaat Ki
“वो गया और साथ अपने मेरी हस्ती ले गया
एक घर खाली हुआ और सारी बस्ती ले गया...
जाने कैसा साल था बस इक बरस के दरम्याँ
सारी हिकमत दे गया और सारी मस्ती ले गया... !!”
― Baat Jazbaat Ki
एक घर खाली हुआ और सारी बस्ती ले गया...
जाने कैसा साल था बस इक बरस के दरम्याँ
सारी हिकमत दे गया और सारी मस्ती ले गया... !!”
― Baat Jazbaat Ki
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