श्रीलाल शुक्ल
Born
in Lucknow, India
December 31, 1925
Died
October 28, 2011
Genre
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राग दरबारी
by
21 editions
—
published
1968
—
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अज्ञातवास
by
5 editions
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published
1962
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बिस्रामपुर का सन्त
by
5 editions
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published
1998
—
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आदमी का जहर
by
2 editions
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published
1972
—
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सूनी घाटी का सूरज
by
2 editions
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published
1957
—
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मकान
by
4 editions
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published
1976
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श्रीलाल शुक्ल की लोकप्रिय कहानियाँ
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पहला पड़ाव
by
2 editions
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published
1987
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उमरावनगर में कुछ दिन
by
2 editions
—
published
1987
—
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यहाँ से वहाँ
by |
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“सच्चाई छुप नहीं सकती बनावट के उसूलों से, कि खुशबू आ नहीं सकती कभी कागज के फूलों से।”
― राग दरबारी
― राग दरबारी
“यह हमारी गौरवपूर्ण परम्परा है कि असल बात दो–चार घण्टे की बातचीत के बाद अन्त में ही निकलती है।”
― राग दरबारी
― राग दरबारी
“खन्ना मास्टर का असली नाम खन्ना था। वैसे ही, जैसे तिलक, पटेल, गाँधी, नेहरू आदि हमारे यहाँ जाति के नहीं, बल्कि व्यक्ति के नाम हैं। इस देश में जाति–प्रथा को खत्म करने की यही एक सीधी–सी तरकीब है। जाति से उसका नाम छीनकर उसे किसी आदमी का नाम बना देने से जाति के पास और कुछ नहीं रह जाता। वह अपने–आप ख़त्म हो जाती है।”
― राग दरबारी
― राग दरबारी