नेताजी सुभाष चंद्र बोस बीसवीं सदी में धरती भर के मानवों में सर्वाधिक प्रतिभाशाली व्यक्ति थे। वे संसार की सबसे कठिन परीक्षा उत्तीर्ण करके आईसीएस बने किंतु देश सेवा के लिए नौकरी न करके राजनीति में आ गए। अपनी प्रतिभा एवं संघर्ष के बल पर वे कांग्रेस के अध्यक्ष बने किंतु गांधीजी द्वारा स्वीकार नहीं किए जाने के कारण वे कांग्रेस की पिलपिली राजनीति को छोड़कर क्रांतिकारी बन गए तथा देश से बाहर जाकर उन्होंने जर्मनी एवं जापान से हाथ मिलकार भारतीय राष्ट्रीय सेना का गठन किया तथा अंग्रेजी सम्राज्य पर युद्धक विमानों से हमला करके अंग्रेजों को खंदकों में छिप जाने के लिए विवश कर दिया। नेहरू और गांधी उनसे इतने अधिक भयभीत रहते थे कि सुभाष की सफलताओं से घबराकर उन्होंने 1942 का अंग्रेजों भारत छोड़ो आ