Sachin Kumar

Add friend
Sign in to Goodreads to learn more about Sachin.


Loading...
Divya Prakash Dubey
“क्यूँ ये आदमी आदमी बनने पर तुला हुआ था”
Divya Prakash Dubey, Terms and Conditions Apply

Divya Prakash Dubey
“सब कुछ नहीं कह सकते न हम लोग । कुछ चीजें केवल हमारी होती हैं”
Divya Prakash Dubey, मसाला चाय

Divya Prakash Dubey
“मयंक स्कूल में तब तक यशवी के लिए जगह बचाकर रोककर रखता रहा जब तक एक दिन वो उसे भूल नहीं गया । उधर यशवी भी मयंक का तब तक इंतज़ार करती रही और ताजमहल वाले promise और अपनी शादी के बारे में सोचती रही जब तक वो एक दिन मयंक को भूल नहीं गयी और बची कावेरी ....हाँ बची कावेरी..... कभी मम्मी बनकर तो कभी पापा बनकर तो कभी fill in blanks बनकर”
Divya Prakash Dubey, मसाला चाय

Divya Prakash Dubey
“उसे भी कोई regret नहीं था । Basically वो अपनी शादी को लेके शुरू से ही बहुत excited थी वो चाहे मुझसे होती या फ़िर किसी और से होती।”
Divya Prakash Dubey, मसाला चाय

Divya Prakash Dubey
“आज कल की किसी भी शादी में जय माल के टाइम पर जितनी आसानी से लड़के लड़कियां एक दूसरे से इशारों में बात कर लेते हैं उसको देख के ये जानना करीब करीब असंभव है कि शादी love है या arrange।”
Divya Prakash Dubey, मसाला चाय

year in books
Piyush ...
48 books | 28 friends

Sandeep...
0 books | 69 friends

Sunayan...
1 book | 25 friends

Sushil ...
0 books | 29 friends

pjwkqaa...
4 books | 29 friends

Sandhya...
0 books | 24 friends

Shine G...
1 book | 11 friends

Sanjeev...
2 books | 13 friends

More friends…

Favorite Genres



Polls voted on by Sachin

Lists liked by Sachin