

“एक नशा होता है - अन्धकार के गरजते महासागर की चुनौती स्वीकार करने का, पवर्ताकार लहरों से खाली हाथ जूझने का, अनमापी गहराइयों में उतरते जाने का और फिर अपने आप को सारे खतरों में डालकर आस्था के, पर्काश के, सत्य के, मयार्दा के, कुछ कणों को बटोर कर, बचा कर, धरातल तक ले जाने का - इस नशे में इतनी गहरी वेदना और इतना तीखा सुख घुला-मिला रहता है कि उसके आस्वादन के लिए मन बेबस हो उठता है.
- धर्मवीर भारती. 'अंधायुग' की भूमिका में.”
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- धर्मवीर भारती. 'अंधायुग' की भूमिका में.”
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"For Indians /non Indians/Earthlings/Aliens, who have a zeal to read and are passionate about books" says the Creator of this group :) To add to it, ...more
Nishant’s 2024 Year in Books
Take a look at Nishant’s Year in Books, including some fun facts about their reading.
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