तहरीर-ए-इश्क़

चुप रहो या कहो सदा मैं सुन लूँगा
तहरीर-ए-इश्क़ में साया तेरा चुन लूँगा
दम भर जो वक्त मिले जीने का संग तेरे
तक़दीर में मोहब्बत का ताना-बाना बुन लूँगा
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vps 'हितैषी'*तहरीर = लिखाई, लिखावट22/04/2020
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Published on April 22, 2020 06:04
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