Kuliyat e Sahir / کلیات ساحر Quotes

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Kuliyat e Sahir / کلیات ساحر Kuliyat e Sahir / کلیات ساحر by Sahir Ludhianvi
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“मैं हर इक पल का शाइ'र हूँ
हर इक पल मिरी कहानी है

हर इक पल मेरी हस्ती है
हर इक पल मिरी जवानी है

रिश्तों का रूप बदलता है
बुनियादें ख़त्म नहीं होतीं

ख़्वाबों की और उमंगों की
मीआदें ख़त्म नहीं होतीं

हर फूल में तेरा रूप बसा
हर फूल में तेरी जवानी है

इक चेहरा तेरी निशानी है
इक चेहरा मेरी निशानी है

तुम को मुझ को जीवन-अमृत
इन हाथों से ही पीना है

इन की धड़कन में बसना है
इन के साँसों में जीना है

तू अपनी अदाएँ बख़्श इन्हें
मैं अपनी वफ़ाएँ देता हूँ

जो अपने लिए सोची थी कभी
वो सारी दुआएँ देता हूँ”
Sahir Ludhianvi, Kuliyat e Sahir / کلیات ساحر
“कल कोई मुझ को याद करे क्यूँ कोई मुझ को याद करे
मसरूफ़ ज़माना मेरे लिए क्यूँ वक़्त अपना बर्बाद करे।”
Sahir Ludhianvi, Kuliyat e Sahir / کلیات ساحر