Story - “घडी” दी टाइम इज रनिंग आउट
“घडी”दी टाइम इज रनिंग आउट
! यहकहानी समर्पित है उस वीरजवानो और मेहनती किसानोको जो आज हमारेदेश की धड़कन है! !कहतेहै समय बड़ा बलवानहै और कब किसीका समय बदलेगा येकोई नही बता सकता!
एडिशन: १ लालेखक: प्रशांत व्यवहारेइस कहानी के सभी पत्र एवं घटनाये काल्पनिक है.कहानीके सभी अधिकार लेखकके आधीनसंपर्क: vyawhareprashant11@gmail.com
सुबह का वक़्तथा पीपल पार्टी केनेता श्री रावसाहेब उनके आवास केआँगन में सोफे पर बैठ कर हाथ में अख़बार लिए,चाय के चुस्किया भररहे थे, के तभी उनकाअसिस्टेंट दौड़ कर आताहै और कहता है, सर दिल्ली से फ़ोन है.दिल्ली का नाम सुन कर नेताजी थोड़े से सपक गए. उन दीनों पार्टी ने काफी साल बाद इलेक्शन में बड़ी जीत हासिल की थी और मंत्री मंडल में शामिल होने के लिए सभी जीते हुए उमीदवार आस लगाए बैठे थे, रावसाहब भी उन्ही में से एक थे, जिनके दादा और पिताजी ने पार्टी के लिए काफी काम किया था और अब वो कर रहे थे! रावसाहब: जी सर सांसदरावसाहब बोल रहा हूँ, वैरी गुड मॉर्निंग!, पार्टी सेक्रेटरी : फ़ोन पर दूसरे तरफ, जी रावसाहब जी पार्टी सेक्रेटरीमाणिक मुखर्जी बोल रहा हूँ! आप को हाई कमानने याद किया है, तुरंत दिल्ली आइये कैबिनेट मंत्रीमंडल के निर्वाचन हेतुआप का नाम आगे आया है!रावसाहब: जी माननीय बहुतबहुत धन्यवाद आपका ! के आप नेहमे इस योग्य समझा! में आज ही दिल्लीके लिए निकलता हूँ!पार्टी सेक्रेटरी : हाँ हाँ तुरंत पहुँचिये, मीलकर बात करते है आगे की!फ़ोनरख कर ख़ुशी खुशीराव साहब आवास की तरफ दौड़ लगते है!तभीउनकी पत्नी दरवाजे पर उन्हें मिलतीहै! जो शायद पूजाके लिए मंदिर कीऔर निकल रही है!रावसाहब कीपत्नी: अरे सांसद जी कहा दौड़ रहेहो! अब तो आपकी पार्टी चुनाव जीत गयी हैअब तो थोड़ा आराम कर लो!रावसाहब: अरे क्या आरामअब तो मुझे कैबिनेटमंत्री की कुर्सी केलिए दिल्ली से बुलावा आयाहै! अब लाल बत्तीके गाड़ी में बैठोगीतुम!रावसाहब कीपत्नी: जी ये तो बहोतबड़ी खुशी की बातहै! लगता है भगवानने मेरी सुन ली! आज ही मंदिरमें जा कर पुजारीजी को हवन औरदान करने के लिएकहूंगी!रावसाहब: सुनो! अभी आज हीमें दिल्ली निकल रहा हूँ! अब तो मंत्री बनकर ही वापस लौटूंगा!रावो साहबकीपत्नी: जी तो ठीक है, में पहले आप कीदिल्ली जाने की तैयारियांकर देती हूँ! मंदिरबाद में चले जाउंगीऔर खूब इत्मिना सेपूजा और हवन करूंगी!थोड़ीही देर में रावसाहबदिल्ली के लिए रवानाहो जाते है! औरउनकी पत्नी मंदिर की और!एयरपोर्ट पहुँच कर क्लीयरेंस करकुछ कार्यकर्ता और उनके असिस्टेंटको ले कर हवाईजहाज में सवार हुए!आज उनकी खुशीउनके चेहरे और बर्ताव सेसाफ़ झलक रही थी! उन्होंनेउसी खुशी से एयरपोर्टपर छोड़ने आये कार्यकर्ताओं कोधन्यवाद दिया और कियेसभी वादे मंत्री बनकरपूरा करने का वचनदे कर विदा किया, जब उनके लिए जोशभरे नारे लगे तबउन्हें जीवन में सफलतापाना किसे कहते होंगेवो उनके शिक्षक केबोल याद हुये! जबज्यादा लोगो को तुम्हेकिसे पद पर देखकर खुशी होगी उसेही असली सफलता कहतेहै!औरऐसे कई ख़याल उनकेमन में चल रहेथे! उन्हें पता भी नहींचला के वो कबनींद में डूब गए! दो घंटे बाद एयरप्लेनदिल्ली में उतरने लगातब उन्हें सेक्रेटरी ने जगाया!एयरपोर्टपर उन्हें रीसिव करने खुद सेक्रेटरीजी आये थे! जोउन्हें उनके निजी निवासपर ले गए !कुछजल पान और विश्रामके बाद! वही दोपहरमें बाकी सांसद औरपार्टी हाई कमान कीमीटिंग हुयी !पात्रसांसदों को एक एककर मंत्री पद बहाली केलिए हाई कमान घोषणाएंकरने लगी ! उसमे से रावसाहबकी बारी आयी !पार्टी अध्यक्ष: तो रावसाहब जी आप कापार्टी के लिया कामऔर पारिवरिक रक्षा विभाग की सेवा केचलते आपका नाम रक्षामंत्री पद के लियाचुना गया है ! आपके इस पर क्याविचार है !रावो साहब:जी माननीय मुझे बहुत खुशीहोंगी के मुझे इसजिमेंदार पद के लिएचुना जाये ! और इसमें मेंनिश्चित ही आप कोअच्छा काम कर केदिखाऊँगा !पार्टी अध्यक्ष:जी रावसाहब जी पार्टी कोआप की काबिलियत परविश्वास है ! दूसरेदिन पार्टी की औपचारिक पत्रकारपरिषद् में रावसाहब जीको रक्षा मंत्री का पद दियेजाने के घोषणा कीगयी और कुछ हेदिनों में शपथ विधिके बाद उन्होंने विभागका जिम्मा लिया !अब रावसाहब जी को दिल्ली मेंएक सरकारी मकान जारी हुआजिसमे वे उनके परीवारके साथ शिफ्ट होगए.उनकेपरिवार में उनके बेटीसिमरन थी जो की आई टी इंजीनियरिंग की पढाई कररही थी उसने दिल्लीयूनिवर्सिटी में एडमिशन ली, उनका बेटा युवराज रक्षा अकादमीसे पास हो करहाल ही में मिलिट्रीमें शामिल हुआ था, उसेवीआईपी, पारिवारिक सुरक्षा की वजह सेदिल्ली में ही पोस्टिंगदे दी गयी.अबकुल मिला कर सभीलोग खुश थे खासकर मिसेस रक्षा मंत्री जी क्यूंकी !उन्हेंउनके पुस्तैनी मकान से दिल्लीके उस आलिशान घरमें और इतने सुविधाओमें दिल लग गयाथा !एकदिन रक्षा मंत्री उनके घर मेंही बने ऑफिस मेंबैठे थे और कुछफाइल देख रहे थेतभी वह की पत्नीजी आयी उनका मूडकुछ ठीक नहीं लगरहा था ! और मंत्रीजी ने उसे भापलिया राव साहबजी: क्यों मिसेस मंत्रीजी क्या हुआ कहीहम्ला हुआ है क्याकहो तो फ़ौज भेजदू !मिसेस मंत्री: जी हमला तो बसआप इस ट्रैफिक पुलिसपर कर दो, जराकही सिग्नल टूटा तो हमपरचलन कर दिया हैऔर जब हम बतानेलगे के हम मिसेसरक्षा मंत्री के धर्म पत्नीहै तो उल्टा डबलचलन लिया ! अब कुछ नहींआप उसे नौकरी सीनिकल दे लगाइये प्रधानपुलिस जी को फ़ोन!रावसाहब : अरे रे बसइतने सी बात ! क्यों उस ईमानदार कीनौकरी लेने पर तुलीहो उसने तो बसअपना काम किया है! और ये राजधानी पुलिसहै ये किसी कानहीं सुनते बस अपना कामकरते रहते है चाहेसरकार कोई भी आये! तो अब आप गुसाछोड़ो और ड्राइवर सेकहो के आगे सेगाड़ी कायदे में चलाये ! ठीकहै और चलो कहीघूम कर आते है! बिटिया सिमरन को भी बुलालो चलो जरा दिल्लीघूम आते है!मिसेस मंत्री: ये तो बहुत अच्छीबात है ! आप तैयारहो जाइये जल्दी से हम तोरेडी है बस बिटियाको फ़ोन कर बुलादेते हूँ ! राव साहबजी: चलो ठीक है, चलतेहै, जरा हम भीतो दिल्ली के ठाठ देखे!
अबरावसाहब और उनका परिवारदिल्ली में घूम रहेथे, सिमरन : पापा हमे भैयाके लिए कुछ गिफ्टलेना चाहिए ताकि वो खुशहो जाये ! एक तो उन्हेंग्राउंड ड्यूटी चाहिए थी मगर अबवीईपी सुरक्षा के कारन उन्हेंस्टाफ ड्यूटी करने पड रहीहै ! और उसमे उनकामन नहीं लग रहा!रावसाहब : बेटी वो सहीहै फ़ौजी के सीमापैर ड्यूटी हे ज्यादा पसंदकरते है मगर क्याकरे डिपार्टमेंट प्रोटोकॉल तो तोड़ नहींसकते ! चलो ठीक हैतो आज युवराजके लिए कुछगिफ्ट लेते चलते है! सिमरन : हां पापा भैया के लिएतौफे में एक अच्छी सीघड़ी कैसे रहेंगी आजकल सिटी मॉल मेंसेल चल रही है, और मेरे दोस्त कावह एक इम्पोर्टेड घडियोका शो रूम है! अच्छा सा डिस्कॉउंट भीमील जायेगा ! रावसाहब जी: बहुत खूब बेटी, तोचलते है! ड्राइवर चलोमॉल ले चलो तुरंत!अबउनके गाड़ी दिल्ली केभीड़ भाड़ वाले रास्तेसे सिटी मॉल कीऔर चल पड़ती है! रक्षामंत्री के पद परबैठने के बाद उनकापहले काम था देशमें आतंरिक और बाहरी सुरक्षाके लिए ठोस इंतजाम करना ! और इसके लिएउन्होंने कदम उठाने शुरूकिये ! एक नये सुरक्षाविभाग का गठन कियागया राष्ट्रीय रक्षा गुप्तचर विभाग ! जो की एकगोपनीय संस्था थी जिसके सदस्यदेश की सुरक्षा केलिए कभी आम आदमीबन कर, या पुलिसविभाग, सेना विभाग, करविभाग और बाकी सभीकेंद्रीय और राज्य विभागोंमें नियुक्त किये गए औरउनका काम उन सभीविभागों में घट रहीघटनाओ पर निगाह रखनाऔर देश की रक्षाके बारे में होतो उसे रिपोर्ट करनाऔर उचित कदम उठानाथा. ये विभाग बाकीसभी सरकारी मशीनरी से अलग गोपनीयतरीके से काम करनेके लिया बनाया गयाथा और प्रधान मंत्री, रक्षा मंत्री और राष्ट्रपति कोछोड़ कर किसे कोइस विभाग या इसके कार्यकलापो की कोई भीखबर नहीं थी !इसविभाग का प्रमुख बयायागया पूर्व रक्षा अधिकारी महावीर सिंह को जोके रक्षा विभाग में काफी सालसेवा के बाद औरसर्वोच्चा रक्षा सन्मान ले कर निवृत्तहुए थे !देशमें आतंरिक विद्रोह देश में कुछजगहो पर हिंसक चरमपर थे ! और उसकेसाथ पड़ोसी देश के आतंकवादीसंगठन भी देश कीशांति में आये दिनखलल डालने के कोशिश मेंथे ! ऐसे में इसविभाग के बहोत ज्यादाजरूरत थी!महावीरसिंह रक्षा रक्षा अकादमी से सेना मेंशामिल हुए होंनहार छात्रोंमें से एक थे! उन्हें देश और देशके बाहर गोपनीय रक्षासेवा का काफी सालका तजुर्बा था और वोवापस अपने देश केसेवा में उनकी स्वइच्छासे वापस लौट आयेथे! उन्होंने एक एक करगोपनीय रक्षा संगठन में ऐसे लोगचुने जो देश केलिए मर मिटने कोतैयार थे और ऐसेलोगो का नेटवर्क बनाकर उन्हें देश को एकऐसा सुरक्षा कवच बनाने केमंशा थे जिसे कोईभी अपराधी या आतंकवादी भेदना पाए !औरकुछ ही दिनों मेंउन्होंने वो कर भीदिखाया ! रक्षा गोपनीय संगठन ने कुछ हेदिनों में काफी हदतक आतंकवादी और हिंसक गतिविधियों को ढूंढ करसही समय पर उनपर कार्यवाही की, और कईआतंकवादी और हिंसक अपराधीमार दिए गए यातो उन्हें जेल के कालकोठरी में डाला गया!संगठनका काम काफी अच्छाचल रहा था केतभी !एकदिन एक आपातकालीन मीटिंगरक्षा मंत्री के दालान मेंबुलियी गयी ! महावीर सिंह को किसीगोपनीय इनफार्मेशन के जरिये मंत्रीजी से कार्यवाही केबारे में बात करनीथी.रक्षामंत्रालय, मंत्री जी के दालानके रिसेप्शन पैर महावीर सिंहआते है!रिसेप्शन असिस्टेंट:जी महावीर सिंह जी, आपका अपॉइंटमेंट ११ बजे काबुक है और आपनौ बजे ही आगए ! क्या टैक्स विभागमें कोई इमरजेंसी है!महावीर सिंह : जी मैडम, रक्षा विभाग के कॉन्ट्रैक्टर्स काकुछ टैक्स मैटर है ! उसकेबारे में मंत्री जीसे डिसकस करना है!रक्षागोपनीय विभाग के सभी सदस्योंको दूसरे विभागों में बतौर कर्मचारीनियुक्त कर दिया गयाथा जैसे की महावीर सिंह को रेवेनुमंत्रालय में जॉइंट--सेक्रेटरीकी पोजीशन दी गयी थी,मगर काम वो रक्षागोपनीय विभाग के लिए करतेथे! औरो के लिए उनकी आइडेंटिटी रेवेनु डिपार्टमेंट के जॉइंट-सेक्रेटरी कीथी !कुछही देर में मंत्री रावसाहबजी उनके दालान मेंपधारे, उन्होंने आते से हीमहावीर सिंह को वेटिंगरूम में देख लियाऔर उनके केबिन मेंबैठते ही ! असिस्टेंट कोबाहर जा कर महावीरसिंह जी को सबसेपहले अंदर भेजने केलिए कहा !रिसेप्शन असिस्टेंट: चलिए महावीर जी आप कानंबर तो पहले लगगया ! जाइये मंत्री जी ने आपकोयाद किया है!महावीर सिंह: थैंक यू मैडम !औरवो मंत्री जी के दालानके और बढ़ता है!मंत्रीजी के दालान मेंजाने के बाद मंत्रीजी उनके असिस्टेंट कोकुछ काम से बाहरभेज देते है औरराष्ट्रपतिऔर प्रधान मंत्री जी को वीडियोलाइन पर जोड़ लेतेहै !प्रधान मंत्रीजी: कहिये महावीर क्या कारन हैके आज तुमने हमेहॉट लाइन पर बुलाया! क्या कोई इमरजेंसी है!महावीर सिंह: माननीय प्रधान मंत्री जी बात हीकुछ ऐसी है ! अगलेमहीने हमारा इंडिपेंडेंस डे आने वालाहै ! और हमने एकऐसे आतंकवादी को पकड़ा जोके उसे एक अंतर्राष्टीयआतंकवादी संघठन का सदस्य है, जिसने हमे आने वालेदिनों में वो कोईबड़ा हमला करने कीसुचना पता चली है! हमने उसके पास सेएक गोपनीय सन्देश बरामद किया है जोके उसे एक अंतर्राष्टीयआतंकवादी संघठन से प्राप्त हुआहै जिसे समझने मेंहमारी टीम लगी हुएहै! उस के मुताबिकउसके जैसे और पांचलोग और है जिन्हेउन्होंने उस काम कोकरने के लिए ट्रेनिंगदी है, मगर वोउन्हें नहीं जानता केवो कौन है औरकहा से आये है, इस वक़्त क्या कर रहे है, वोबस इंटरनेट से एक दूसरेको कॉल या मैसेजमें बात करते है,जिसे हम आसानी सेट्रेस नहीं कर पातेऔर उससे हमे पताचला है की वोसभी आतंकवादी अलग अलग देशोसे है, अलग अलगभाषा में बात करतेहै और वो एकसाथ मिलकर हमारे देश में कोईबड़ा हमला प्लान कररहे है!रक्षा मंत्रीरावसाहब: ये तो काफी सीरियसबात है ! तो महावीरजी हमे ये बतायेके जिसे आपने पकड़ाहै क्या उसने कुछऔर बताया ताकि हम उनबचे हुए लोगो कोभी पकड़ सके!महावीर सिंह: जी सर हमारी उससेपूँछ ताछ जारी, अभीतक उसने हमे बतायाके वो उन लोगोके लिए इंडियन गाइडबन कर उन्हें ट्रांसपोर्टऔर लोकल सपोर्ट देनेवाला है और उसकेलिए उसे एक बड़ीरकम एडवांस में दी गयीहै ! बाकी वो लोगहमला कैसे करने वालेहै ये उसे भीनहीं पता ! उसके मुताबिक वोसभी लोग अलग अलगदेशो के रहने वालेऔर अलग अलग भाषाबोलने वाले लोग है ! और वो उनसे एकऑनलाइन एप्लीकेशन की मदद सेबात करते है! हमनेउसका लैपटॉप और कुछ औरसामान जप्त किया है! शायद आने वाले दिनोंमें कुछ और इनफार्मेशनमील जाये तो हमकुछ कर पायेंगे! ये आतंकवादीहै के हमारा साराटॉर्चर झेल हमारा सारा टॉर्चर झेल कुछ और बताने को तैयार हेनहीं ! राष्ट्रपति जी : महावीर हमे विश्वास हैके तुम और तुम्हारीटीम हमेशा की तरह येकेस भी सुलझा लोगे! अगर हमसे कोई मददचाहते हो तो हमारेफ़ोन लाइन्स और दरवाज़े तुम्हारेलिए खुले है, तुमकभी भी और किसीभी तरह की मददहमसे मांग सकते हो!महावीर सिंह: जी माननीय राष्ट्रपति जी, प्रधान मंत्रीजी और रक्षा मंत्री जी मुझे शायदइस केस में बहुतज्यादा पावर के जरुरतहै फिलहाल हम एक्सपोज़र लिमिटेशनकी वजह से ज्यादातर किसी भी प्रकार कीफिजिकल एक्शन के लिए लोकलसपोर्ट पर निर्भर है! मगर शायद इस केसमें हमे इंडिविजुअल पावर्सचाहिए ताकी हम खुदएक्शन ले सके! बाकीमें मेरी टीम कीऔर से आपको विश्वासदिलाता हूँ की हमलोग इस हमले कोभी विफल करने केलिए जी जान सेकोशिश करेंगे! प्रधान मंत्रीजी: ठीक है महावीर हम आपके लिए जरूरी ऑर्डर्स जारी कर देते है, और अगर जरुरत पड़े तो बे झिज़क तुम हमसे बात कर सकते हो ! मगर याद रहे तुम्हे इस बात का किसी भी हालत में पता लगाना है अगर इसमें कोई चूक हुए तो लोगो के ज़िंदगी खतरे में पद सकती है सो बे केयरफुल ओकेमहावीर सिंह : ओके सर वो आप मुझ पर छोड़ दे, ये हमारे लिए इम्तेहान की घड़ी है और हमे हर हाल में पार होना है!रावसाहब जी : तो ठीक है महावीर तुम और तुम्हारी टीम इस काम में लग जाओ और हमे पल पल की खबर देते रहना नाउ यू कैन लीव !महावीर सिंह : ओके सर, सी यू सून विथ विक्ट्री इन आवर हैंड !और महावीर सिंह बाहार निकल कर उसकी कार में बैठ कर हेड क्वार्टर्स के लिए निकलता है ! अब उसके दिमाग में एक ही सवाल चल रहा है की इस मसले को कैसे सुलझाये. के तभी उसका फ़ोन बज उठता है ! फ़ोन उसकी वाइफ सुनीता का होता है ! महावीर फ़ोन उठाता है ! सुनीता : अरे दरोगा जी कहा हो ! घर जल्दी आ रहे हो या नहीं ! देखो तुमने प्रॉमिस किया था के आज मुझे शॉपिंग के लिए ले कर जाओगे !महावीर सिंह : अरे हां सुनीता बस एक जरूरी मीटिंग चल रही थी! बस आ ही रहा हूँ तुम तैयार रहना आज सिटी मॉल चलते है ठीक है ! तुम घर के बहार सिग्नल पर आओ, वही से तुम्हे पिक करता हूँ, ठीक है !सुनीता : ठीक है जल्दी आओ में तैयार हूँ !सुनीता तैयार हो कर घर के पास वाले सिग्नल के चौराही के तरफ निकलती है!वह जा कर वो इंतज़ार करने लगती है! तभी वह एक फटे हाल दिखने वाला वृद्ध भिखारी आता है! सुनीता उसकी तरफ देख कर पर्स में से कुछ छुट्टे पैसा निकलने लगते है के ताकि उसे दे सके के तभी!भिखारी : मैडम जी मुझे आप से कुछ काम हैसुनीता : हां कहो बाबा जी !भिखारी : क्या आप मुझसे कुछ खरीद सकती है, सुनीता : हां हां क्यों नहीं, बताओ क्या बेच रहो हो !भिखारी उसके जब से एक घड़ी का बक्सा निकल कर सुनीता को दीखाता है!सुनीता घड़ी को देख कर चौक जाती है, वो बक्से को उलट पुलट कर देखती है उसपर लिखा होता है रोलेक्स-मेड इन स्विसरलैंड लेडीज वाच!सुनीता : बाबा जी आप को ये घड़ी कहा से मिली, ये तो काफी कीमती है! आप किसे ज्वेलरी या घडी शॉप में जाओ वह आप को इसके अच्छे दाम मिलेंगे कम से कम दस लाख!भिखारी : मैडम जी वो लोग मुझ जैसे से क्यों खरादिंगे, उल्टा चोरी की है ऐसा कह कर मुझे पुलिस की हवाले कर देंगे!सुनीता: वैसे बात तो सही है! ये घड़ी आप के पास कहा से आयी!भिखारी : एक विदेशी सैलानी ने मुझे ये दी है! उसने कहा के इसे बेच कर में उन पैसो से एक ऑटो खरीद सकू और मुझे कभी भी भीख न माँगना पड़े! और में इसे काफी दिनों से बेचने के कोशिश कर रहा हूँ , पर कोई तैयार ही नहीं है इसे खरीदने के लिये !सुनीता कुछ सोचती है!सुनीता : ठीक है आपको कितने पैसो पैसो जरूरत है!भिखारी : मैडम कम से कम १ लाख रुपीये, क्यूंकी 8० हजार में एक पुराना ऑटो और बाकी बचे में मेरा कुछ महीने का खर्च चलेगा और उसके बाद मुझे ऐसे भीख मांगने की कभी जरुरत नहीं पड़ेगी और आप को किसे को सहारा देने की लिए दूवा भी लगेंगी!सुनीता : बाबा जी एक लाख रुपीये तो मेरे पास अभी नहीं है! आप थोड़ी देर रुके, मेरे पती अभी आने ही वाले है उनसे पूछ कर देखती हूँ ठीक है!भिखारी : ठीक है मैडम जी में थोड़ी देर यही कोने में बैठता हूँ आप मुझे आवाज़ दे दो !इतना कह कर वो भिखारी उस सिग्नल के बगल में बस स्टॉप के एक कोने में बैठ जाता है!तभी महावीर की कार सुनीता के पास आ कर रुकती है ! महावीर बाहर निकलता है और सुनीता के लिए कार का दरवाज़ा खोलता है!महावीर सिंह : आइये मैडम चले शॉपिंग करने!सुनीता : हां जरा एक बात तो सुनो, वो वह एक भिखारी के पास कीमती लेडीज रोलेक्स वाच है! और उसे बेच कर वो खुद के पैरो पर खड़ा होना चाहता है!महावीर सिंह: कहा है वो, देख तो लू,कही नकली घड़िया तो नहीं बेच रहा है !सुनीता बस स्टॉप के तरफ इशारा करती है! मगर वहां देखने पर उसे वो भिखारी कही नज़र नहीं आता!सुनीता : अरे वो बाबा जी कहा गए अभी तो इसे बस स्टॉप के पास बैठे थे !महावीर सिंह : भाग गया शायद ! अच्छा हुआ तुमने उससे कुछ खरीदा नहीं! ऐसे लोग ज्यादा तर नक़ल की चीज़े बेचते है या फिर चोरी की!सुनीता : चलो ठीक है कोई बात नहीं मैंने तो बस भलाई के लिए सोचा था ! कोई बात नहीं चलो चलते है !कुछ समय बाद दोनों मॉल में पहुँचते है , शॉपिंग करते वक़्त सुनीता के नज़र स्विस वाच शोरूम की तरफ जाती है और वो महावीर से कहते है के वो उस शॉप में जा कर घड़िये देखे ! दोनों उस शोरूम में दाखिल होते है!दरवाजे पर एक सेल्स एग्जीक्यूटिव उनका स्वागत करता है!शौरूम सेल्समेन : आइये सर! क्या देखना पसंद करेंगे, अभी अभी नया स्टॉक आइए है और डिस्कोउन्ट्स भी बढ़िया करा दूंगा ! ये देखिये ये नयी लेडीज वाच के मॉडल्स आये है गोल्ड एंड डायमंड वर्क वाले और कीमत भी बिलकुल बजट में ओनली ५ लाख से शुरू!थोड़ी देर महावीर और सुनीता डिस्प्ले में रखी हुए घडिया देखते है!सुनीता : बाप रे इनके प्राइस में तो एक स्माल कार आ जाएगी ! इन्हे कौन पहनता होगा!महावीर सिंह : अरे बीवी जी, ये तो उन अमिर लोगो के खिलोने है जो उनके स्टेटस को प्रेजेंट करने के लिए इन्हे पहनते है ! बाकी ये हम जैसे मिडिल क्लास के कुछ भी काम के नहीं है ! महावीर : क्या इनमे से वो घड़ी थी जो तुमने देखी थी !सुनीता : नहीं इनमे से कोई नहीं !सेल्समन : सर, क्या आप कोई लिमिटड एडिशन वाली वाच के बात कर रहे है जो आज कल मार्किट में चल रही है! वो ज्यादा महंगी है ! सो उन्हें हम डिस्प्ले पर नहीं रखते! आप ये कैटलॉग देखिये शायद इसमें आप जो मॉडल देखना चाह रहे हो वो मिल जाये !महावीर : हाँ हाँ, देख लेते है उसे भी!सेल्समेन उन्हें काउंटर के पास वाले सोफे पर बिठा कर! एक कैटलॉग ले कर आता है और महावीर को थमता है!अब वो दोनों उसके पन्ने पलट कर उस वाले मॉडल को ढूंढने लगते है!कैटलॉग में लिमिटेड एडिशन की सभी महंगी घड़िया के बीच उन्हें उस घड़ी का फोटो दीखता है!सुनीता : अरे ये वही घड़ी का मॉडल है!महावीर : इस मॉडल के क्या प्राइस है !सेल्समन : सर ये लिमिटेड एडिशन डायमंड वाली वाच है, मगर ये जोड़े में आती है इसे सिंगल पीस बेचना मना है इनकी वैल्यू आप को डिस्काउंट के बाद 2५ लाख तक फाइनल प्राइस हो जायेगा !महावीर : तभी तो ! मगर हमे आज इसका सिंगल पीस १ लाख में मील रहा था !सेल्स मन : हां सर वो चोरी वाला माल होगा! वैसे आप को वो कौन और कहा दे रहा था ! सुनीता : हां ! दरिया गंज बस स्टॉप के पास एक भिखारी ये घड़ी १ लाख में मुझे बेच रहा था ! तभी तो हम उसके असली प्राइस पता करने यहाँ आये है!सेल्स मन : मैंम, या तो वो नकली होंगी या फिर वो उस कन्साइनमेंट से होंगी जो उस कन्साइनमेंट से चोरी हो गया जो हमने मंगया था, हमें दिल्ली गवर्नमेंट से ऐसे वॉचेस की सप्लाई के टेंडर मिले थी जो के डिफेन्स डिपार्टमेंट और सभी पार्लियामेंट मेंबर्स को इस इंडिपेंडेंस डे को गिफ्ट में दी जाने वाली है !महावीर : तो क्या उस चोर का पता चला !सेल्समेन : हां और एक मजे की बात सर उसमे से १ पीस छोड़ कर बाकी घड़िये हमे वापस मील गयी है उस चोर ने उन्हें हमे वापस पार्सल कर दिया!महावीर : क्या ! भला ऐसा भी कोई चोर करता है ! कही उसने असली रख कर नकली तो नहीं भेज दी !सेल्स मन : नहीं सर हमने कंपनी के तकनीशियन से उन्हें चेक कराया, जिसे की स्विरलैंड के घड़ी कंपनी से हमने बूलाया था और उसके मुताबिक वो सभी घडिया असली हे है जो कंपनी ने हमे भेजी थी!ये देखिये उनका सर्टिफिकेशन जिसमे उस तकनीशियन की रिपोर्ट और फोटो है!महावीर और सुनीता उस सर्टिफिकेट उस फोटो के तरफ देखती है!सुनीता उस फोटो की तरफ देखती है और चौक जाती है ! सुनीता : अरे ये तो कुछ कुछ उस बूढ़े बाबा के तरह हे देख रहा है बस उसके कपडे फटे पुराने थे और ये इस फोटो में सूट पहने देख रहा है महावीर : अरे ये तो कुछ अजीब बात है ! सेल्स मन : नो मन ऐसा तो हो हे नहीं सकता चल ढल और बात चीत से तो वो काफी विदेशी लहजे वाला शरीफ बाँदा था, हे वो इंडियन था ये बात अलग है! हां मैडम अगर आपने उस आदमी को वापस कही देखा तो हमे फ़ोन जरूर कीजिए, और वो उसका विजिटिंग कार्ड सुनीता को देता है !सुनीता : ओके ठीक है हम आप को जरूर फ़ोन करेंगे ! महावीर : क्या में ये फोटो मेरे मोबाइल कैमरा से क्लिक कर सकता हूँ! ताकि अगर अगली बार हमे ये दिख गया तो हम तुम्हे बता सके!सेल्स मन : ओके सर नो प्रॉब्लम !अब महावीर और सुनीता दोनों अपने अपने मोबाइल में वो फोटो क्लिक कर लेते है और उस सेल्स मन से विदा ले कर उस शो रूम से बहार निकलते है!महावीर के जहम में इस घटने से देश के सुरक्षा के लिए किसे बड़ी घटना का सम्बन्ध होने का विचार आता है!थोड़े देर शॉपिंग करने के बाद, वो सुनीता को घर छोड़कर! वापस उस जगह आता है जहा से उसने सुनीता को पिक किया अब वो उसकी टीम को बुला कर उन्हें देता है और पूरी घटना समझाता है और अलग अलग टीम बना कर उस फोटो के सहारे उस आदमी को ढूंढ़ने का काम शुरू करते है!मगर उन्हें उसका कोई सुराग नहीं मिलता ! अब दिन ढलने लगा था मगर महावीर सिंह और उसके टीम को उस आदमी का कोई सुराग कही से भी नहीं मिलल रहा था ! तभी वह उन्हें एक भिखारी नज़र आया जो एक आदमी को कुछ दीखा रहा था!महावीर ने पास जा कर देखा तो उसके हाथ में कोई घड़ी थे जो उस आदमी को दीखा रहा था!भिखारी : ले लो बाबूजी इम्पोर्टेड घडी है! ऐसे २५ लाख में दो मिलते है आप एक लाख हे दे दो!तभी महावीरने उस भिखारी को पीछे से पकड़ लिया,महावीर सिंह : भाई हमे भी तो बताओ तुम क्या बेच रहे हो!भिखारी अचानक इतने सारे लोगो को देख कर डर गया!भिखारी : कुछ नहीं बाबू साहिब, कुछ नहीं बस मुझे पैसे की जरूरत है सो मेरी ये घड़ी बेच रहा हूँ!महावीर सिंह : बता कहा से चुराई है ! वराना हवालात के चक्कर और पुलिस के लात खायेगा!भिखारी : नहीं साहब मेरी अपनी ही है! कोई चुराइ हुइ नहीं है!महावीर और बाकी लोगो को देख कर वो आदमी जिससे भिखारी बात कर रहा था वह से भाग गया !महावीर सिंह : सच बता कौन है तू ! तू ऐसे नहीं मानेगा जब हवालात में जायेगा तो तुझे पता चलेगा!भिखारी महावीर सिंह के तेवर देख कर समझ गया के अब उसे सच बताना हे पड़ेगा !भिखारी : क्या आप पुलिस लोग होमहावीर सिंह : नहीं मगर तुम चाहो तो हम तुम्हे पुलिस के हवाले कर सकते है ! अगर तुमने सब सच नहीं बताया, बताओ ये घड़ी तुम्हे कहा से मिली !
भिखारी : ठीक है सर में अपने बारे में आप को बताता हूँ, मगर पहले मुझे किसे सेफ जगह ले चलिए यहाँ मेरी जान को खतरा है और आप के देश को भी ! कुछ लोग है जो मुझे मारने के लिए ढूंढ रहे है! अगर मुझे किसे सुरक्षित जगह पर लेकर जा सको तो में आप को उनके बारे में आप को कुछ बता सकूगा!महावीर सिंह उसे उसके उसके कार में बिठा कर उनके एक ठिकाने पर उसे ले कर ले आता है! वह वो उसे कुछ खाना देते है और थोड़ी देर बाद उससे पूछताच शुरू करते है !महावीर सिंह : अब बताओ के तुम कौन हो!भिखारी : में एक एन आर आई हूँ मेरा नाम जोसफ वर्घीस है! में एक स्विस कंपनी में बतौर तकनीशियन काम करता हूँ और उसे सिलसिले में यहाँ भारत आया था ! मगर कुछ लोगो ने मुझे एयरपोर्ट से अगवा कर उनके अड्डे पैर ले गए, मुझे पहले तो १० दिन भूखा रखा और रोज टॉर्चर किया और मुझे जान से मरने के धमकी दे कर ! उन्होंने मुझे एक एक शोरूम में हमारे कंपनी ने बनायी हुए घडियो की झूटी ओरिजिनालिटी इंस्पेक्शन रिपोर्ट बनाने के लिए दबाव डाला ! और जैसे हे मैंने वो रिपोर्ट उन्हें बना कर दी ! उन्होंने मेरे पैसा मेरा पासपोर्ट और कागजात छीन लिए ! और वो मुझे मारने हे वाले थे के एक दिन मई मौका देख कर वह से भाग निकला और निकलते वक़्त मैंने उनके यहाँ से ये घडियो के बोक्स चुराये ! और अब मई इन्हे बेच कर कुछ पैसा बना लू ताकि में स्विजरलैंड लौट सकू.महावीर सिंह: तुमने ये बात पुलिस को क्यों नहीं बताई ! वो तुम्हे तुम्हारे देश वापस छोड़ने का इंतजाम कर देते !जोसफ (भिखारी) : सर, में बहुत डर गया था ! और मुझे लगा कही आगे में पुलिस के पास गया और मुझे उन बदमाशों ने वापस ढूंढ लिया तो वो मुझे जान से मार डालेंगे और इसी लिए मै भिखारी के रूप में इस घड़ी को बेचने के कोशिश कर रहा था, ताकि कुछ पैसा जमा कर सकू ! कम से कम इंटरनेशनल कॉल कर मेरी फॅमिली को इन्फॉर्म कर सकू और वो मेरी मदद कर सके!महावीर सिंह : उन घडियो के इंस्पेक्शन रिपोर्ट उन लोगो को क्यों चाहिए थी! क्या वो नकली थी!जोसफ (भिखारी) : नहीं सर उनमे कुछ बदलाव किया हुआ था ! और वो लोग नहीं चाहते के में उसे रिपोर्ट करू! और उन लोगो की बातो से ऐसा लग रहा था के मनो वो कोई बड़ा आपराधिक कांड करने जा रहे है ! उनके पास काफी सारा गोला बारूद है और उनका ठिकाना एक खँडहर में है जिसे उन लोगो ने एक आलीशान किले में तब्दील कर रखा है ! महावीर सिंह : तो क्या तुम उन लोगो का ठिकाना भी जानते हो ! जोसफ (भिखारी) : हां मगर में वह अब नहीं जाऊंगा ! वो लोग मुझे मार देंगे!महावीर सिंह : अगर तुम मुझे उन लोगो तक पंहुचा दोगे तो में तुम्हे तुम्हारे घर वापस जाने के इंतजाम कर दूंगा! बोलो मंजूर है!जोसफ (भिखारी) : हां सर मंजूर है ! सर वो लोग बहुत खतरनाक है मैंने उनके पास आधुनिक हथियार देखे है !में आप को उन लोगो का ठिकाना दूर से ही दीखा दूंगा ठीक है, बाकी आप जानो और वो लोग जाने! महावीर सिंह : ठीक है तुम हमे उन लोगो के ठिकाने तक ले चलो बाकी हम संभल लेंगे और तुम्हे मेरे लोग वह से बिना कोई नुकसान पहुँचिये वापस आयेंगे! बोलो मंजूर है !जोसफ (भिखारी) : हां सर मंजूर है !दूसरे ही दिन महावीर सिंह उसे ले कर उसके बताये हुए रास्ते पर उसकी टीम के साथ निकल पड़ता है ! अब वो दिल्ली शहर के बाहर छोटे गाव् के रास्ते पर जा रहे थे ! थोड़ी देर उस रस्ते से चलने के बाद, जोसफ उन्हें एक जगह रुक कर जंगल में बने पगडंडी के रस्ते से चलने के लिए कहता है! महावीर सिंह और उसकी टीम उनकी गाड़िया वह खड़ी कर उस कच्चे रस्ते से आगे बढ़ने लगते है ! कुछ दूर चलने पर जोसफ उन्हें झाड़ियों में एक खँडहर बने हवेली के और ईशारा करता है और कहता है के यही उन लोगो का ठिकाना है! महावीर सिंह अब उसके कुछ लोगो को जोसफ के साथ वापस भेज कर उस खँडहर के तरफ सावधानी से बढ़ने लगते है!के तभी उन्हें गोली की आवाज़ और जोसफ की चीख सुनाइ देती है ! और देखते ही देखते जोसफ चिल्लाता हुआ खून से लथपथ जमीन पर गिर जाता है ! महावीर सिंह मौके पर संभल कर सभी को वहा पड़े कुछ बड़े पत्थरो की आड़ में छुपने के लिए कहता है! अब खँडहर की तरफ से भारी गोलाबारी शुरू हो जाती है ! और महावीर सिंह और उसकी टीम भी उनके तरफ से काउंटर फायर करते है ! मगर दूसरे तरफ से राकेट लांचर और ग्रेनेड दागे जाते है जिसके वजह से महावीर सिंह के कुछ साथी जख्मी हो जाते है ! इसके अलावा उसके टीम के पास बन्दूक के गोलिया भी ख़तम हो जाते है ! सो वो उनके सुरक्षा के लिए वापस लौटने का फैसला करते है ! वो एक एक कर पीछे हट्टकर वापस उनकी व्हीकल्स के तरफ जाने लगते है ! मगर महावीर सिंह के दिमाग में जोसफ का ख्याल आता है महावीर सिंह : टीम आप सभी लोग आगे जा कर गाड़ियों में हमारा इंतज़ार करो और २ लोग मेरे साथ आओ हम जोसफ को वह से उठा कर लाना होगा वर्ण हमे सबूत की तलाश में फिर से भटकना पड़ेगा !तुम लोग बस १५ मिनट रूकना अगर हम लौटे तो ठीक नहीं तो यहाँ से निकल जाना ठीक है !सभी हामी भरते है अब महावीर सिंह उसके साथ दो साथियो को ले कर वापस उस जगह वापस छुपता हुआ निकल पड़ता है और बाकी टीम व्हीकल में सवार हो कर महावीर सिंह के लौटने का इंतज़ार करते है !वह अब सिर्फ महावीर सिंह और उसके २ साथी उनकी पिस्तौल संभाले छुपते हुए उस जगह तक आ पहुँचते है जहा जोसफ को गोली लगी थी ! तभी महावीर ड्रोन के पंखे की आवाज़ सुनता है जो के शायद उस खँडहर की तरफ से उनकी और बढ़ रहा था, वो और उसके साथी चुपके से वह उगी झाड़ियों के बीच में ऐसे छुप जाते है ताकि वो उस ड्रोन को नज़र न आ सके!थोड़ी ही देर में खामोशी को तोड़ता हुआ वो ड्रोन वह आ पहुँचता है ! कुछ देर वह मंडराने के बाद ! वो वापस लौट जाता है, अब महावीर सिंह और उसके साथी जोसफ को उठाने के लिए झाड़ियों से लपकने ही वाले थे के तभी उन्हें कुछ लोगो के भागकर आने की आवाज़ सुनायी देती है, सो वो वही छुपने का फैसला लेते है !थोड़ी हे देर में वहा कुछ लोग मुँह पर कपडा बांधे और हाथ में मशीन गन लिए आ धमकते है ! जो के स्ट्रेचर पर जोसफ को उठाने ही वाले होते है के तभी जोसफ संभल कर उठ जाता है ! कहो साथियो कैसे लगी एंट्री क्यों नरगिस!जोसफ को यु उठकर खड़ा होते और बोलते देख देख महावीर सिंह और उसके लोगो को शॉक लगता है ! उनमे से एक आतंकवादी उसके मुँह पर बंधा कपडा खोल कर नरगिस : यस बॉस ! इस बार तो मैंने आप को रंगो वाली हे गोली मारी है, हमारे प्लान के तहत ! ताकि वो महावीर सिंह और उसके लोग हमारे जाल में फस सके और हम उन्हें ख़तम कर सके!जोसफ : छोड़ो ना नरगिस वैसे भी अब महावीर और उसके लोगो की रूह मरने के बाद भी हर दिन ये सोच कर तड़पेंगी के उन्होंने क्यों मुझ पर भरोसा किया, शायद तुमने उनके गाड़ियों में बम लगा दिए होंगे ! चलो अब दबाओ रिमोट का बटन और काबूम !नरगिस : क्या आप ने उन लोगो को ऐसे ही सीधी मौत मारना चाहते है, थोड़ा और तड़प तड़प कर मार देते हमारी गिरफ्त में ला कर !जोसफ : नहीं वो महावीर सिंह काफी चालक है उसे ऐसे हे मौत मरना अच्छा है , लाओ वो रिमोट ! अभी धमाका होगा !नरगिस : बड़े शौक से बॉस !और वो एक रिमोट कण्ट्र
Published on October 19, 2019 00:12
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