Ajay Raj Singh's Blog: कोरे पन्ने...

October 24, 2020

शायद तुम्हारा #1

मैं हर पल आजकल एक पागलपन ढूँढता हूँ। मैं हर पल आजकल मेरा मन ढूँढता हूँ।

यूँ कोई ख़ास जगह नहीं है जहाँ मुझे भटकना होता है। बस यहीं, खुद के इर्द गिर्द। कभी किसी पुरानी तस्वीर में, जो सब तस्वीरों के बीच सबसे नीचे रख दिए थे। तो कभी उस खत में जो घरवालों से छुपा कर accounts की किताब में तह कर दिया था। ढूँढता हूँ कुछ तब भी जब तुम मेरे पास होती हो। कुछ ख़ास जो मुझसे खो गया है कहीं। ढूँढता हूँ कुछ तब भी जब तुम उदास होती हो।

शायद, मैं तुममें आजकल 'तुम' ढूँढता हूँ। या शायद कोई अक्स जो तुममे खो गया है।

एक बार फिर किसी शाम मुझसे रूठ कर रिमोट छुपा दो ना। मुह फुलाकर भी अपनी सब नाराज़गी बस एक बार फिर बता दो ना। या फिर किसी सुबह मुझसे पूछ लो घर जल्दी आजाऊँगा या नहीं। मुझे कुछ काम हो तो भी, किसी बहाने से जल्दी बुला लो ना, पहले की तरह।

एक बार फिर कह दो ना कि तुमको मेरा फ़िक्र पसंद है। कह दो ना की तुमको मेरी बातों में तुम्हारा जिक्र पसंद है। ले आओ अपनी सब नादानियाँ किसी तनाव के बीच, और फिर कर दो मज़बूर मुझे मुस्कुरा देने के लिए। या ढूँढ़ लो मेरा हाथ भीड़ में जब छूट जाये अचानक, पहले की तरह।

कितना भी जता लूँ कि अब किसी बात का मुझपर फर्क नहीं पड़ता। कितना भी कह लूँ कि बात-बात पर अब मैं खुद से नहीं लड़ता। पर मेरे दिल की एक धड़कन को सब खबर है। उस धड़कन को सब पता है कि एक अतीत को 'आज' मानकर मै आजतक जी रहा हूँं। हाँ, ये वही धड़कन है, जिसका ताल्लुक सिर्फ तुमसे है।

शायद तुम्हारा !

© Ajay Raj Singh
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Published on October 24, 2020 00:16

'दिलवाले दुल्हनिया ले जाएँगे' के 25 साल

"अगर ये तुझे प्यार करती है तो ये पलट कर देखेगी" शायद सच नहीं था, पर हमने मान लिया।

25 साल पहले जो लड़के स्कूल की दीवारें कूद कर, 'दिलवाले दुल्हनिया ले जाएँगे देखने' जाया करते थे, अब जीवन के शोर-गुल में कहीं खो गए हैं। जिन्होंने उस 'राज' में खुद को देखा था, अपनी-अपनी अलग कल्पनाओं में, आज अपनी अलग पहचान बना चुके हैं। वो जो उस कहानी के एक अदना-सा किरदार बन कर रह गए, आज अपनी कहानी जी रहे हैं।

उनकी जिंदगी आगे बढ़ चुकी है। और पास कुछ बचा है तो बस यादें। बचपन की। पहले प्यार की। उन कोशिशों की। कुछ वादों की। कुछ गलतियों की। कुछ अधूरे इरादों की।

वो जी रहे हैं वो बनकर, जो किसी ने कभी सोचा ही नहीं था। पर शायद! उन्हें आज भी सिमरन के पलटने का इंतज़ार है।

'दिलवाले दुल्हनिया ले जाएँगे' के 25 साल

© Ajay Raj Singh
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Published on October 24, 2020 00:14

कोरे पन्ने...

Ajay Raj Singh
कभी मुझे पढ़ो तो पन्ने पलटते रहना। मैंने अक्सर लोगों को मुझमें, ठहरते देखा है।
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