धतूरे का बीज देखा है?
सफेद रेशमी पंखों पर सवार, धतूरे कीमासूम महत्त्वाकांक्षाओं का उड़नखटोला।दूसरे स्वादिष्ट फलों की तरह, धतूरे का बीज कोई नहीं रोपता। नीम हवाओं के इशारे तय करते हैं, कि बस्ती का अगला पड़ाव कहाँ होगा।
स्कूल के बाहर,उस अंग्रेजों के जमाने के अस्तबल के अवशेषों के पास, धतूरे की एक भरी पूरी बस्ती थी। और जब गर्मियों का मौसम आता था, तो सूखे फलों से फूटकर निकलते बीज, उक़ाबों की तरह मँडराते नज़र आते थे। कुछ के पंख उतर जाते थे बदन से, कभी थाने की दीवार से टकरा कर,तो कभी तेज हवा की शरारतों से।
खुशनसीब होते थे वह बीज, जिनके पंख जल्दी उतर जाते थे। उम्र भर उसी बस्ती में रहते थे,
अपनों के साथ।
Published on July 01, 2017 23:10